मशहूर नेफ़रॉलाजिस्ट (गुर्दारोग विशेषज्ञ)
डा. राजन रविचन्द्रन कहते हैं
"मधुमेह और उच्च रक्तचाप, जीर्ण गुर्दा रोग (क्रानिक किडनी डिसीज़ – सी के डी) की ओर ले जा सकते हैं " >>
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जीर्ण गुर्दा रोग (सी.के.डी) का पता लगने के बाद, क्या कर सकते हैं?
प्रारम्भिक अवस्था में जीर्ण गुर्दा रोग का पता लगने के बाद रोग को रोकना या प्रतिवर्तित करना संभव है।
मधुमेह और उच्च रक्तचाप होने पर पर्याप्त नियन्त्रण के लिये जीवनशैली और आहार में परिवर्तन महत्वपूर्ण है।
दो दवाइयों के समूह – ए आर बी (एन्जियोटेन्सिन रिसेप्टर ब्लाकर्स) और ए-सी-इ इन्हिबिटर्स (एन्जियोटेन्सिन कन्वर्टिंग एन्ज़ाईम रोधक) मूत्र में प्रोटीन के परित्याग को कम करने में मदद करते हैं और जीर्ण गुर्दा रोग की प्रगति में रुकावट डालते हैं।