मशहूर नेफ़रॉलाजिस्ट (गुर्दारोग विशेषज्ञ)
डा. राजन रविचन्द्रन कहते हैं
"मधुमेह और उच्च रक्तचाप, जीर्ण गुर्दा रोग (क्रानिक किडनी डिसीज़ – सी के डी) की ओर ले जा सकते हैं " >>
गुर्दे बीन्स (सेम) आकार के दो अंग हैं, जो कमर के पीछे के भाग में स्थित होते हैं। हर गुर्दे का वजन करीब १५० ग्राम है।
हर गुर्दे में करीब १० लाख सूक्ष्म प्रोसेसर इकाईयाँ हैं जो नेफरान्स कहे जाते हैं।.
हर मिनट, हृदय से निकले हुए खून का २५% (करीब १.२५ लिटर) गुर्दों से गुजरता है।
नेफरान्स करीब १८० लिटर तरल पदार्थ छानते हैं और करीब १.५ लिटर मूत्र के रूप में बाहर निकलता है।
बाकी पुन: संसाधित होने के बाद नेफरान्स में फिर से अवशोषित किया जाता है।
गुर्दे से जो मूत्र निकलता है, वह मूत्र नली द्वारा एक जलाशय में पहुँचाया जाता है, जिसे मूत्राशय कहते हैं।
जब मूत्राशय फूलता है, तब पेशाब करने की तीव्र इच्छा होती है और सामाजिक परिस्थितियाँ अनुकूल हो तो दिमाग पेशाब मलत्याग करने का आदेश देता है।
सामान्यत: नेफरान्स प्रोटीन / एल्ब्युमिन को छानते नहीं ह़ैं।
इसलिए मूत्र में प्रोटीन / एल्ब्युमिन की मौजूदगी नेफरान्स की पूर्व क्षति का संकेत है।