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Crusade to save your kidney  
Dr. Rajan Ravichandran मशहूर नेफ़रॉलाजिस्ट (गुर्दारोग विशेषज्ञ)
डा. राजन रविचन्द्रन कहते हैं

"मधुमेह और उच्च रक्तचाप, जीर्ण गुर्दा रोग (क्रानिक किडनी डिसीज़ – सी के डी) की ओर ले जा सकते हैं " >>
आरम्भ > पानी की खपत
कितना पानी पीना चाहिये?

पानी को मापकर पीने की ज़रूरत नहीं है। प्यास के मुताबिक और सांस्कृतिक प्रथाओं के प्रभाव से पानी की खपत एक समान नहीं होती। शरीर के वजन का दो तिहाई हिस्सा पानी से बना है। यह बाह्य एवं अंतर कोशिकाओं के कक्षों के बीच आस्माटिक गतिविधि के आधार पर स्वतंत्र रूप से पारगम्य है। पानी सहित जो तरल पदार्थ हम पीते हैं तथा भोजन के चयापचय से जो पानी उत्पन्न होता है – यही शरीर में कुल पानी का आधार है। पसीना, मूत्र, मल द्वारा पानी शरीर से बाहर निकलता है। आम तौर पर यह नाज़ुक संतुलन दिमाग और गुर्दों की वजह से होता है। हमारे दिमाग में एक ओस्मो केंद्र (ओस्मोस्तात) है जो खून का संकेंद्रण महसूस करता है और मूत्र स्राव को कम करनेवाला हॉर्मोन (ए-डी-एच) का उत्पादन करता है। इसकी वजह से दिमाग में प्यास केंद्र सक्रिय होता है और मूत्र द्वारा पानी के नुकसान को कम कर देता है। इस तरह पानी की खपत एक समान नहीं होने के बावजूद भी शरीर में पानी की मात्रा स्थिर रहती है।

गुर्दे मूत्र को गाढा कर सकते हैं जिससे दिन भर में शरीर से बाहर निकलनेवाले मूत्र की मात्रा ५०० मि.लि. हो सकती है और मूत्र को पतला कर इसकी मात्रा १० लिटर भी हो सकती है। सामान्यतः अगर एक व्यक्ति को पानी की उपलब्धि हो और दिमाग सही हो, तो निर्जलीकरण नामुमकिन है। इसी वजह से जानवर पानी मापके नहीं पीते हैं बल्कि प्यास के मुताबिक पानी पीते हैं और स्वस्थ जीवन जीते हैं। प्यास जितना पानी माँगे, उससे ज्यादा जब हम पानी पीते हैं, तो हमारे शरिर से अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने की क्षमता गुर्दे से होती है। इसे अतिरिक्त पानी निकास (फ्री वाटर क्लियरेन्स) कहा जाता है। इस तरह एक सामान्य आदमी दिन में १० लि. पानी का निकास कर सकता है। मगर जब गुर्दा रोग हो या यकृत (लिवर) रोग हो, या हृदय रोग हो या जब कोई मूत्र स्त्राव बढानेवाली दवाइयाँ लेता हो, अतिरिक्त पानी निकास (फ्री वाटर क्लियरेन्स) पर प्रभाव होता है। शरीर में अतिरिक्त पानी रह जाता है और इसका निदान सीरम सोडियम के माप से हो सकता है। इस अवस्था में सीरम सोडियम के माप में घिराव दिखता है। इसे हैपोनाट्रीमिया (सीरम सोडियम १३५ मि.ईक्यु/लि से कम) कहा जाता है। यह एक गम्भीर अवस्था हो सकती है। तात्पर्य यह है कि हमारे शरीर में एक श्रेष्ठ प्यास केन्द्र है जो हमें पानी की सही मात्रा पीने में मदद करता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को पानी मापके पीने की ज़रूरत नहीं है। मगर उन मरीजों को जिनमें अतिरिक्त पानी निकास (फ्री वाटर क्लियरेन्स) बिगडा हुआ हो, पानी की खपत में प्रतिबंध की आवश्यकता है।

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