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Crusade to save your kidney  
Dr. Rajan Ravichandran मशहूर नेफ़रॉलाजिस्ट (गुर्दारोग विशेषज्ञ)
डा. राजन रविचन्द्रन कहते हैं

"मधुमेह और उच्च रक्तचाप, जीर्ण गुर्दा रोग (क्रानिक किडनी डिसीज़ – सी के डी) की ओर ले जा सकते हैं >>" >>
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२०११ की श्रेष्ठ चिकित्सा जानकारियाँ

जैतून का तेल (ऑलिव ऑयल) से स्ट्रोक का जोखिम कम होता है।   सोने से पहले हिंसात्मक विषयवाले टेलीविज़न प्रोग्राम देखने से बच्चों की नींद प्रभावित होती है।

७६०० लोगों पर ५ साल के लिये ध्यान रखा गया।. जो जैतून का तेल (ऑलिव ऑयल) प्रयोग करते थे उनमें ४१% को स्ट्रोक कम हआ।
संदर्भ: न्यूरोलॉजी, जून १४, २००७ – फिजिशियन्स फर्सट् वॉच

जिन बच्चों ने शाम ७ बजे के बाद टेलीविज़न, वीडियो देखा हो या कम्पयूटर गेम्स खेले हो, उन्होंने नींद में परेशानी महसूस की।
संदर्भ: पेडियाट्रिक जरनल वॉच – २८ जून २०११

शाकाहारी उच्च फाईबरयुक्त आहार से विपुटीय बीमारी (डैवेर्टिकुलर डिसीज़) – बड़ी आंत की बीमारी होने का जोखिम कम हो जाता है।   धुम्रपान का मूत्राशय कर्क रोग से संबन्ध है।

बी.एम.जे के अनुसार, ४७००० लोगों पर १२ साल तक ध्यान रखा गया। एक तिहाई शाकाहारी थे। शाकाहारियों में विपुटीय बीमारी का जोखिम ३०% से कम था।

संदर्भ: बी.एम.जे जुलाई २०११ - ३४३

 

वर्तमान धुम्रपान करनेवालों में चार गुना और पूर्व धुम्रपान करनेवालों में दो गुना ज़्यादा मूत्राशय कर्क रोग पाया गया।. यह बात औरतों के लिये भी लागू होती है और ५० से ७१ तक की आयुवाली ४,५०,००० महिलाओं के १० साल के अध्ययन में भी साबित हआ है।.
संदर्भ: जे एम ए – २०११ – ३०६ (७)

अत्यधिक लाल मांस का सेवन गुर्दों के कर्क रोग (किड़नी कैनसर) से सम्बन्धित है।   आध्यात्मिकता से अवनमन (डिप्रेशन) कम होता है। अब साबित हो चुका है।

जो अत्यधिक लाल मांस खाते हैं, उनमें यह बात स्पष्ट नहीं है कि लाल मांस अपने आप से या माइक्रोवेव में पकाने की वजह से गुर्दा कर्क रोग का कारण बनता है। इन लोगों में १९% अधिक बीमारी पाई गयी।
संदर्भ: अमेरिकन जरनल आफ क्लिनिकल न्युट्रिशन, २०११

 

एक १० साल के अध्ययन के अनुसार आध्यात्मिकता से माता-पिताओं में और बच्चों में अवनमन (डिप्रेशन) कम होता है।
संदर्भ: जरनल वॉच सैक्याट्री – सितम्बर १९, २०११

विटामिन-ई का प्रोस्टेट कर्क रोग की बढ़ती हुई घटनाओं से संबन्ध है।   सप्ताह में कुछ शराब के गिलास पीना स्तन कर्क रोग के जोखिम के लिये काफी है।

जिन मर्दों को विटामिन ई ४०० आय. यू. दिया गया, उनमें प्रोस्टेट कर्क रोग होने की १७% सम्भावना अधिक पाई गयी।
संदर्भ: जे ए एम ए – २०११ – ३०६

 

जो औरतें हफ़्ते में ३ से ६ गिलास मदिरा (वाइन) पीती थीं उनमें स्तन कर्क रोग की घटनाओं में १५% बड़ौती पाई गयी।
संदर्भ: जे ए एम ए – २०११ – ३०६(१७)

योग और खिंचाववाले व्यायाम – दोनों पीठ के पिछले हिस्से में दर्द के लिये समान रूप से लाभदायक हैं।   दवाइयों के प्रतिकूल दुष्प्रभावों से बुज़ुर्गों को अक्सर अस्पताल में भरती होना पड़ता है।

दोनों उपचारों में कई महीनों तक लक्षण और गतिशीलता में सुधार दिखाई दिये।
संदर्भः ऑर्कैव्स आफ इन्टर्नल मेडिसिन – वोल. १७१, डिसेमबर २००९

 

अस्पताल के आपातकालीन दाखिलों में १.५% दाखिलें बुज़ुर्गों में दवाइयों के प्रतिकूल दुष्प्रभावों (जैसे मधुमेह-विरोधी दवाइयाँ, रक्त थक्का विरोधी दवाइयाँ) से संबन्धित हैं।
संदर्भ: जरनल वॉच हॉस्पिटल मेडिसिन – नवम्बर २३, २०११

   
२०१० के श्रेष्ठ चिकित्सा जानकारियाँ  
दूषित पानी पीने से जो गैस्ट्रो आंत्रशोथ (गैस्ट्रो एन्टेरैटिस) होता है, उससे लम्बी अवधि तक स्वास्थ्य जोखिम रहता है।   दर्शक कार्डियो फुफ्फुसीय पुनर्जीवन - (सी पी आर)

बी.एम.जे अध्ययन के मुताबिक ई-कोली की वजह से जो तीक्ष्ण गैस्ट्रो आंत्रशोथ (गैस्ट्रो एन्टेरैटिस) होता है, उससे उच्च रक्तचाप, हृदय, और गुर्दे जटिलताओं का लम्बी अवधि के लिये जोखिम बना रहता है। कनाडा में एक गैस्ट्रो आंत्रशोथ (गैस्ट्रो एन्टेरैटिस) घटना के बाद करीब २००० युवा व्यक्तियों पर ८ साल के लिये नज़र रखी गयी। गुर्दे में ई-कोली विषाक्त (टॉक्सिन) के लिये रिसेप्टर्स संभव है, जिसकी वजह से लम्बी अवधि तक परिणाम होता है।
संदर्भ: बी.एम.जे – २०१०; ३४१; सी ०२०

केवल छाती दबाना भी कृत्रिम सांस सहित सी- पी-आर देने के बराबर है। क्योंकि कृत्रिम सांस देने की ज़रूरत नहीं है, कोई भी दर्शक निश्चिन्त होकर छाती दबाके पुनर्जीवन देने की कोशिश कर सकता है। सिर्फ छाती दबाने से बहुत सारी जिन्दगियाँ बच सकती है।
संदर्भ: एन.ई.जे.एम – २०१० - जुलै

बेकाबू उच्च रक्तचाप में गुर्दा निस्तेजन रक्तचाप को कम करता है।   चावल का सेवन मधुमेह के लिये जोखिम है।

बेकाबू उच्च रक्तचाप में कैथेटर आधारित गुर्दा निस्तेजन (तंत्रिका आपूर्ति निकालना) तेजी से रक्तचाप कम करता है। यह अध्ययन १०० मरीजों पर किया गया जिनका रक्तचाप ३ प्रकार की दवाइयाँ लेने के बावजूद भी नियंत्रण असामान्य था (१६०/१०० से अधिक)

संदर्भ: द लेन्सेट – वोल. ३७६, अंक ९७५६, दिसम्बर २०१०

 

सफेद चावल के बदले भूरे चावल खाने से मधुमेह का जोखिम कम होता है।
संदर्भ: आर्कैव्स आफ इन्टर्नल मेडिसिन, जून २०१०

जीवन शैली में परिवर्तन लाने से लगभग एक चौथाई आंत्र कर्करोग (बवेल कैंसर) से बचा जा सकते है।   कीटनाशक और ध्यान की कमी / अतिसक्रिय विकार ( अटेन्शन डेफिसिट / हैपरएक्टिव डिसॉर्डर)

जीवनशैली में सरल परिवर्तन लाने से कोलोरेक्टल (बड़ी आंत) कर्करोग का जोखिम कम होता है। एक बी.एम.जे अध्ययन के अनुसार डेन्मार्क के ५५,००० अधेड़ अवस्था के लोगों पर १० साल तक अध्ययन किया गया। जीवन शैली में परिवर्तन के लिये दिये गये सुझाव: धुम्रपान नहीं करना, प्रति दिन कम से कम ३० मिनट व्यायाम करना, पौष्टिक आहार खाना, कमर की परिधि का नियंत्रण – पुरुष के लिये ४० इंच से कम और औरत के लिये ३५ इंच से कम।
संदर्भ: बी.एम.जे–२०१०; ३४१; सी५५०४

 

बच्चे खाध्य पदार्थ और पीने के पानी में होनेवाले ऑरगेनोफॉस्पोरस नामक कीटानाशक के सम्पर्क में आते हैं। ये कीटानाशक मस्तिष्क विकास के लिये हानिकारक हैं। ११३८ बच्चों के अध्ययन से यह पता चला है कि कीटानाशक निरावरण का ध्यान की कमी / अतिसक्रिय विकार से संबन्ध है।
संदर्भ: पेडियेट्रिक्स – जून २०१०

अधेड़ अवस्था की महिलाओं को वजन बढ़ौती रोकने के लिये कितना व्यायाम करना चाहिये?   गुर्दा दान सुरक्षित है।

३४,००० महिलाओं पर अध्ययन करने के बाद यह पता चला कि वजन बढ़ौती रोकने के लिये प्रति दिन १ घंटा मध्य श्रेणी का व्यायाम करना चाहिये।
संदर्भ: जे ए एम ए – २०१०

 

८०००० जिन्दा दाताओं का १० साल से ज़्यादा तक अध्ययन किया गया और उनकी तुलना स्वस्थ नियंत्रणों से की गयी। लंबी अवधि की मृत्यु या जटिलता की दर में कोई अंतर नहीं था।
संदर्भ: जे ए एम ए – मार्च २०१०

पाइप और चुरुट धुम्रपान – क्या ये बेहतर हैं ?   नमक की कमी का जनसंख्या आधारित लाभ

तंबाकू के मामले में सुरक्षित सेवन पैमाना जैसी बात है ही नहीं। किसी भी रूप में यह हानिकारक है। पाइप और चुरुट धुम्रपान – दोनों से ही फेफडों की कार्य करने की क्षमता घट सकती है।
संदर्भ: आन्नल्स आफ इन्टर्नल मेडिसिन – फरवरी २०१०

 

प्रति दिन ३ ग्राम कम नमक सेवन से वार्षिक हृदय-संबंधित जोखिम और स्ट्रोक्स कम हो सकते हैं। इससे ६०,००० से १,२०,००० दिल का दौरा मामलों को, ३२,००० से ६२,००० स्ट्रोक के मामलों को और ४०,००० से ९०,००० मृत्यु को रोका जा सकता है। यह अनुमान अमेरिका की आबादी के लिये है। केवल १ ग्राम नमक कम करने से भी १५,००० से ३२,००० मौतों को रोका जा सकता है।
संदर्भ: एन.ई.जे.ई.एम – जनवरी २०१०

२००९ की श्रेष्ठ चिकित्सा खबरें
रक्तचाप कम करनेवाली दवाइयाँ और हृदय संबन्धित बीमारी और स्ट्रोक पर रोकथाम   अपर्याप्त और अशान्त नींद से उच्च रक्तचाप होता है।

किसी भी दवाई समूह द्वारा सिस्टोलिक रक्तचाप में १० मि.मी और डायस्टोलिक रक्तचाप में ५ मि.मी. कम करने से, दिल क दौरा और स्ट्रोक का जोखिम २२% और ४१% से कम होता है। यु.के में किये गये १४७ अनियमित परीक्षण जिसमें ४,६४,००० मरीज शामिल थे, मेटा विशलेषण ने यह दर्शाया है।
संदर्भ: बी.एम.जे – मई २००९

जाना पहचाना तथ्य लगता है मगर अब ही साबित हुआ है।
संदर्भ: आर्कैव्स आफ इन्टर्नल मेडिसिन

जो लोग मधुमेह के लिये जोखिम में हैं और जिनको हस्तक्षेप से लाभ हो सकता है, उन्हें पहचानने के लिये जोखिम स्कोर   ऑक्सीडेंट विरोधी अनुपूरण (विटामिन – सी, विटामिन – ई) व्यायाम के असर को कम करते हैं।

पारीवारिक इतिहास में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ५५ साल से अधिक उम्र, काली जाति, धुम्रपान करनेवाले, विशाल कमर की परिधि, छोटे कद, तेज़ आराम नाड़ी और अधिक वजन।

जिन्हें उपर्युक्त स्कोर है, उन्हें अगले दस साल में मधुमेह होने की ५०% सम्भावना है।
संदर्भ: आन्नल्स आफ इन्टर्नल मेडिसिन – जून २००९

 

नियमित व्यायाम से इन्सुलिन संवेदनशीलता में बढ़ौती होती है और मधुमेह के जोखिम में गिराव आता है। अगर ऑक्सीडेंट विरोधी अनुपूरण (विटामिन – सी, विटामिन – ई) दिये जाते हैं, ये व्यायाम के असर को कम करते हैं। मगर ऐसे आहार में जिसमें भरपूर फल और सब्जी हो, मधुमेह जोखिम कम करता है।
संदर्भ: प्रोक नाटा अका सी – यु.एस.ए – मई २००९

मेडिटेरेनियन आहार के घटक जो मृत्यु दर को कम करते हैं (दीर्घायू बढ़ाते हैं)   बचपन में टेलिविजन देखने से अस्थमा बीमारी होने की अधिक संभावना है।
  1. कम मांस का सेवन
  2. सब्जी, फल, फलियाँ, सुखा मेवा और मोनो-सेचुरेटड चरबी (जैतून का तेल – ऑलिव ऑयल)
  3. सीमित मदिरा सेवन
संदर्भ: संदर्भ: बी.एम.जे– जून २००९

 

छोटे बच्चे जो प्रति दिन २ घंटे से ज़्यादा टेलिविजन देखते थे, उन बच्चों को दूसरे बच्चों की तुलना में अस्थमा बीमारी की दुगुनी संभावना थी।
संदर्भ: तोरेक्स पेडियेट्रिक – मार्च २००९

लाल खमीरवाले चावल के फायदे   शराब की मध्यम खपत से भी औरतों में कर्क रोग का जोखिम बढ़ता है।

जो मरीज़ स्टेटिन्स (कोलेस्टेरॉल कम करनेवाली दवाइयाँ) बर्दाश्त नहीं कर सकते, उनके उपचार का एक विकल्प। लाल खमीर चावल में स्वाभाविक रूप से होनेवाली लोवास्टेटिन है जो कोलेस्ट्रॉल कम करता है।
संदर्भ: आन्नल्स आफ इन्टर्नल मेडिसिन, जून २००९

 

कर्क रोग के दृष्टिकोण से शराब की कोई भी मात्रा औरतों के लिये सुरक्षित नहीं है। कम या मध्यम शराब की खपत से भी कई प्रकार के कर्क रोग के बढ़ने की संभावना रहती है।
संदर्भ: जरनल आफ नेशनल कैन्सर इन्स्टिट्यूट – फरवरी २००९

     
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